शनिवार, 11 जुलाई 2020

Vaccine kub tak ban jaegi

 कोविड-19 पर क़ाबू पाने के लिए वैक्सीन बनाने के लिए मौजूदा समय में 120 मेडिकल टीम दुनिया भर के अलग अलग हिस्सों में रिसर्च में जुटी है. लेकिन अभी तक इस दिशा में उल्लेखनीय कामयाबी नहीं मिली है.

हालांकि इसी जुलाई महीने में भारत के कुछ वॉलेंटियर्स को भारत में ही विकसित एक कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जायेगी. इस वैक्सीन को हैदराबाद की एक फ़ार्मा कंपनी - भारत बायोटेक ने तैयार किया है. इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के चीफ़ के हवाले से एक चिट्ठी शुक्रवार को जारी हुई जिसमें ये कहा है कि 15 अगस्त को कोरोना वायरस की वैक्सीन भारत में लॉन्च कर दी जाएगी.


लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स इस पर सवाल उठा रहे हैं कि वैक्सीन तैयार करने के लिए जितने समय की ज़रूरत होती है और जिन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है, क्या उनका पालन किया गया है.

वैसे मोटे तौर पर अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर जल्दी से वैक्सीन मिला भी तो भी इस साल के अंत तक ही मिल पाएगा. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख कई बार वैक्सीन बनाए जाने को लेकर नाउम्मीदी भी ज़ाहिर कर चुके हैं.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बैठक में कहा कि "दुनिया के लगभग 60 प्रतिशत टीके भारत में विकसित किए गए हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि भारत वैक्सीन को खोजने या निर्माण करने की दिशा में अग्रणी होगा."
पार्लियामेंट्री कमेटी को जानकारी देने वाले विशेषज्ञों में जैव प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद व सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन भी शामिल थे.


कुछ सांसदों ने योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद की उस स्वसारी कोरोनिल किट की प्रभावशीलता के बारे में पूछा, जिससे कोरोनो वायरस के इलाज को लेकर विवाद शुरू हो गया था. इस पर वैज्ञानिकों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
भारत में बनाई गई वैक्सीन पर पहला ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल सोमवार से शुरू होने वाला है. हालांकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि दुनिया भर में विकसित 140 कोरोनो वायरस वैक्सीनों में से 11 का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. "इनमें से किसी के भी 2021 से पहले बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए तैयार होने की संभावना नहीं है ”



कोरोना वायरस की वैक्सीन इतनी अहम क्यों है?
आशंका यह है कि दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कोरोना वायरस की चपेट में आ सकता है. ऐसे में वैक्सीन इन लोगों को कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचा सकता है.

कोरोना वायरस की वैक्सीन बन जाने से महामारी एक झटके में ख़त्म तो नहीं होगी लेकिन तब लॉकडाउन का हटाया जाना ख़तरनाक नहीं होगा और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रावधानों में ढिलाई मिलेगी.

वैक्सीन बनाने को लेकर अब तक कितनी प्रगति हुई है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस के पहले मामले की पुष्टि 31 दिसंबर 2019 को हुई थी. जिस तेज़ी से वायरस फैला उसे देखते हुए 30 जनवरी 2020 को इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया गया.

लेकिन शुरुआती वक्त में इस वायरस के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी और इस कारण इसका इलाज भी जल्द नहीं मिल पाया. विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई देशों में डॉक्टर इससे निपटने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं लेकिन सवाल यही है कि आख़िर इसके तैयार होने में कितना वक़्त लगेगा?

फ़िलहाल दुनिया भर में 120 जगहों पर कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण करने की तैयारी शुरू हो गई है. लंदन के इंपीरियल कॉलेज में 300 लोगों पर यह ट्रॉयल किया जाएगा. इंपीरियल कॉलेज लंदन में होने वाले इस ट्रायल का नेतृत्व प्रोफेसर रॉबिन शटोक कर रहे हैं.

कहा गया है कि इस वैक्सीन का जानवरों पर किया ट्रॉयल सफल रहा है और यह इससे इम्यूनिटी को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.

कोविड-19 को लेकर पहले ह्यूमन ट्रायल में आठ मरीज़ों के शरीर में एंटीबॉडीज का इस्तेमाल किया गया. ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी में भी 800 लोगों पर ट्रायल शुरु किया जा रहा है. इसके अलावा अस्ट्राज़ेनेका कंपनी से भी 10 करोड़ वैक्सीन डोज़ की डील भी की गई है.

इसका अलावा शीर्ष दवा कंपनियां सनफई और जीएसके ने भी वैक्सीन विकसित करने के लिए आपस में तालमेल किया है. ऑस्ट्रेलिया में भी दो संभावित वैक्सीन का नेवलों पर प्रयोग शुरू हुआ है. माना जा रहा है कि इसका इंसानों पर ट्रायल अगले साल तक शुरू हो पाएगा.



जापान की मेडिकल स्टार्टअप एंजेस ने कहा है कि उसने कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू कर दिया है. जापान में इस तरह का यह पहला परीक्षण है. कंपनी ने कहा है कि ओसाका सिटी यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में अगले साल 31 जुलाई तक ट्रायल जारी रहेंगे.

इसी जुलाई महीने में भारत के कुछ वॉलेंटियर्स को भारत में ही विकसित एक कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जायेगी. इस वैक्सीन को हैदराबाद की एक फ़ार्मा कंपनी - भारत बायोटेक ने तैयार किया है. इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के चीफ़ के हवाले से एक चिट्ठी शुक्रवार को जारी हुई जिसमें ये कहा है कि 15 अगस्त को कोरोना वायरस की वैक्सीन लॉन्च कर दी जाएगी.

लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स इस पर सवाल उठा रहे हैं कि वैक्सीन तैयार करने के लिए जितने समय की ज़रूरत होती है और जिन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है, क्या उनका पालन किया गया है. कंपनी ने यह दावा किया है कि वो इंसानों पर जल्द ही इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू करने वाली है. हालांकि कंपनी ने ये नहीं बताया है कि कितने वॉलेंटियर्स को यह वैक्सीन दी जाएगी.

लेकिन कोई यह नहीं जानता है कि इनमें से कोन सी कोशिश कारगर होगी.हमे आशा है कि वैक्सीन जल्द ही बन कर सामने आये और इस महामारी में लड़ने में सहायक हों। 

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